तुम कितनी सुलझी हुई हो ना, जैसे की कोई रेशम का धागा, कितना भी करो हमेशा सुलझा। तुम कितनी सुलझी हुई हो ना, जैसे की कोई रेशम का धागा, कितना भी करो हमेशा सुलझा।
कोई तुमसे पूछे कौन हूं मैं कह देना मुझे याद नहीं। कोई तुमसे पूछे कौन हूं मैं कह देना मुझे याद नहीं।
हिंदी की उपभाषा पोवारी राखी त्योहार के उपलक्ष में बहन की याद में लिखी एक कविता हिंदी की उपभाषा पोवारी राखी त्योहार के उपलक्ष में बहन की याद में लिखी एक कविता
रक्षाबन्धन ऐसा त्यौहार, दर्शाता भाई बहन का प्यार! रक्षाबन्धन ऐसा त्यौहार, दर्शाता भाई बहन का प्यार!
बारिश की फुहार लाए मिट्टी में सुगंध, रेशम की कच्ची डोरी करे प्यार का अनुबंध। बारिश की फुहार लाए मिट्टी में सुगंध, रेशम की कच्ची डोरी करे प्यार का अनुबंध।
पर जाने क्यूँ महफ़िल उन्हें शहीद कह रही है ! पर जाने क्यूँ महफ़िल उन्हें शहीद कह रही है !